Monday, 24 July 2017

वो बातें हमारी...

कहना चाहती हूं तुमसे,
वो बातें जो मेरे दिल में है
वो बातें जो मेरी तुमसे हैं
कुछ शिकवे भी हैं
कुछ शिकायतें भी हैं
खैर, छोड़ो इन्हें जाने भी दो,
कहनी तो तुमसे वो चाहती हूं
जिनमें मेरी मुहब्बतें है ं...
चाहती हूं तुम्हें इस कद्र कि
कुछ कहने से पहले भी
इजाज़त चाहती हूं तुमसे...
बातें जो मेरे दिल में है
आज सुनाना चाहती हूं तुम्हें...
अपने दिल की धड़कनों में
गुंजती हुई हर सांसें तुम्हारी...
मेरे लबों पर तैरती हुई
वो प्यार भरी बातें तुम्हारी...
क्या तुम्हें कभी नज़र ना आई
मेरी आंखों में चमकती हुई
शरारतें वो तुम्हारी ....
आज कहना चाहती हूं तुमसे
मेरे-तुम्हारे बीच की बातें सारी ..
जो कुछ तुमने कहा था ,
जो मैंने कहा था ...
वो बातें हमारी जो ना
तुम कह सके थे...
पर मेरे दिल ने सुना था
वो बातें तुम्हारी ..
जो मेरे दिल की हसरतें हैं ...
तुम्हें मालूम नहीं शायद ..
जो तुम्हारे लब कहते नहीं ...
तुम्हारी धड़कनें मुझसे कह जाती हैं..
तुम अब भी समझ नहीं पाए शायद ..
वो बातें हमारी ...
जो कुछ कही, कुछ अनकही हैं ..
आज वही बातें,
कहना चाहती हूं तुमसे....
मिल जाऊं मैं तुममे हीं,
इस कद्र मिलना चाहती हूं तुमसे...
तुम्हारी धड़कनों को,
अपने दिल में सुनाना चाहती हूं तुम्हें...
मेरी सांसों में जो अब तक है,
तुम्हारे जिस्म की खुशबू,
उन्हें महसूस कराना चाहती हूं तुम्हें ...
हर वो प्यारी बातें जो हमारी थी,
आज कहना चाहती हूं तुमसे...
मिल जाऊं तुममें हीं,
इस कद्र मिलना चाहती हूं तुमसे ।।